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Thursday, September 30, 2010

अयोध्या मामले पर विशेष

नई दिल्ली/लखनऊ - साठ साल पुराने अयोध्या मामले में गुरुवार को दोपहर साढ़े तीन बजे फैसला सुनाया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के तीन जजों की बेंच अपना निर्णय सुनाएगी। इस बहुप्रतीक्षित फैसले के मद्देनजर देशभर में अमन-शांति की अपील की गई हैं। एहतियात के तौर पर सुरक्षा के कड़े प्रबंध भी किए गए हैं। कोर्ट परिसर को नो एंट्री जोन में तब्‍दील कर दिया गया है परिसर में सीआरपीएफ के जवान तैनात किए गए हैं। 

फैसले को टालने की याचिका मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज किए जाने के बाद अब निर्णय में कोई बाधा नहीं रह गई है। इस याचिका पर ही हाईकोर्ट बेंच को 24 सितंबर को फैसला देने से शीर्ष कोर्ट ने रोक दिया था। 

हाई कोर्ट को अयोध्या विवाद के चारों मामलों में कुल सौ से अधिक बिंदुओं पर अपना फै़सला देना है। इन सभी का केंद्र बिंदु 130 गुना 90 फीट की वह ज़मीन है, जिस पर विवादित मस्जिद के तीनों गुंबद खड़े थे और जिसे अनेक हिंदु भगवान राम का जन्म स्थान कहते हैं। 

कर्नाटक, गोवा और बिहार से भी इलाहाबाद हाईकोर्ट के फ़ैसले को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था को सख़्त बनाया गया है।  कर्नाटक और गोवा के कई इलाक़ों में ऐहतियातन धारा 144 लागू कर दी गई है। 

अदालत में किलेबंदी -
किले में तब्दील हो चुकी लखनऊ बेंच के कोर्ट नंबर 21 में दोपहर 3:30 बजे से जस्टिस डीवी शर्मा, एसयू खान और सुधीर अग्रवाल की बेंच फैसला सुनाना शुरू करेगी। इस कोर्ट में सुरक्षा के ऐसे बंदोबस्त किए गए हैं कि मामले से जुड़े लोगों के अलावा और कोई अंदर नहीं जा सकता है। एक बार भीतर आ जाने के बाद फैसला होने तक कोई भी बाहर नहीं जा सकेगा। जीत या हार को लेकर अतिरेक भरी प्रतिक्रिया पर प्रतिबंध है। लखनऊ में मौजूद हाई कोर्ट परिसर के आसपास सुरक्षा का कड़ा बंदोबस्त किया गया है। इस फैसले से जुड़े वकीलों, अदालत के कर्मचारियों और पक्षकारों को ही कोर्ट परिसर में आने की इजाजत है। कोर्ट परिसर में मोबाइल ले जाने की इजाजत नहीं है। वहीं, कुछ जज और अफसरों को छोड़कर कोर्ट परिसर में पार्किंग की भी इजाजत नहीं है। मीडिया कर्मियों के लिए लखनऊ के जिलाधिकारी दफ्तर में ही मीडिया सेंटर बनाया गया है। जस्टिस डीवी शर्मा 1 अक्टूबर को रिटायर होने वाले हैं। 

अयोध्या में सुरक्षा -
अयोध्या और उससे लगे फैजाबाद में ऐहतियात के तौर पर तलाशी अभियान चलाया गया है। वहां अर्धसैनिक बलों के दो हजार से ज्यादा जवान तैनात किए गए हैं। लगभग डेढ़ हजार लोगों की धरपकड़ की गई है। खुफिया एजेंसी भी पैनी निगाह बनाए हुए हैं। विवादित परिसर और आसपास के इलाकों में हवाई निगरानी की जा रही है। गुरुवार को स्कूल, कालेज, दफ्तर खुले रहेंगे लेकिन शराब और आतिशबाजी की दुकानें बंद रहेंगी। 

राज्य में सुरक्षा बंदोबस्त -
उत्तर प्रदेश की नेपाल और उत्तराखंड से लगी सीमाओं को सील कर दिया गया है। संवदेनशील स्थानों सहित अयोध्या, वाराणसी और मथुरा जिलों में सुरक्षा बलों ने फ्लैग मार्च किया है। राज्य में 25 जिले संवेदनशील और 19 अतिसंवेदनशील माने गए हैं। 

केंद्र में तैयारी -
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों व केंद्रशासित क्षेत्रों को सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखने को कहा है। केंद्र ने 16 जगहों पर तुरंत तैनाती के लिए रिजर्व बल रखा है। हेलीकॉप्टर और आईएल- 76 और एएन-32 जैसे बड़े विमान बलों को मौके पर भेजने के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं। गृह मंत्री पी चिदंबरम ने पत्रकार वार्ता में कहा कि 1.90 लाख सुरक्षाकर्मी उत्तरप्रदेश में हैं, जो कानून व्यवस्था के लिए किसी भी चुनौती से निपटने के लिए काफी हैं। उप्र के अलावा मध्य प्रदेश, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और हरियाणा सहित विभिन्न राज्यों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।

छप चुकी हैं फैसले की 500 कॉपियां -
अयोध्या की विवादित जमीन के मालिकाना हक से जुड़े हाई कोर्ट के फैसले की 500 कॉपियां तैयार हैं। फैसला सुनाने के बाद इसे बांटा जाएगा। वहीं, हाई कोर्ट की वेबसाइट पर भी फैसले की सॉफ्ट कॉपी उपलब्ध कराई जाएगी। 








टिप्पणी - आज है फैसले की घडी हो सकता है फिर बाद जाये तारीख.........................पर फिर भी शांति बनाएं रखना चाहिए...............तो सेंटर फ्रेश खाओ और जुबान पे लगाम लगाओ.........................................शांति अपने आप हो जाएगी.............Just Joking .............................मगर ये तो है न की शांति कि जरूरत है हिंसा से क्या मिलेगा.................................हजारो कि जान जाएगी बिना मतलब......................... ????????
है कि नहीं मैंने सही कहा न....................................................................



दीपक  

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