home

Wednesday, August 4, 2010

मेरा विचार


मेरा विचार



इन्सान संतोष क्यों नहीं करता है.................................क्यों वह हर वक़्त यह मेरा है...........................इसे कोई दूसरा नहीं ले ले..................................क्यों उसके मन में ऐसे विचार चलते है...........................................अगर इंसान संतोष कर ले कि सभी कुछ उसका है तो उसे जीवन में कोई तकलीफ नहीं होगी...................................जैसे एक बहू अपने सास ससुर के धन  के लिए उनकी ली हुई हर वस्तु के लिए लडती रहती है कि यह मेरा है यह मेरा है लेकिन उसको यह समझना चाहिए कि सास ससुर के बाद तो सब कुछ उसी का ही है.........................................इन्सान जिंदगी भर तेरा मेरा करा करता है लेकिन वह यह भूल जाता है कि जब कोई व्यक्ति इस धरती पर आता है तो खाली हाथ आता है और जब इस धरती से जाता है तो खाली हाथ जाता है........................सिर्फ उसके साथ जाते है तो उसके अपने करम..................................भगवान कि दुनियां में सिर्फ करम count होते है अन्यथा और कोई चीज count नहीं होती है. इसलिए हर मानव को तेरा मेरा करना छोड़ देना चाहिए संतोष को अपनाना चाहिए........................................................................to be continue...............................


शुक्ला

9 comments:

  1. काश ! कोई समझ पाता कि संतोष ही सबसे बड़ा धन है । आज तो लोग समझते हैं कि ऐसा कहने-सोचने वाला ही सबसे बड़ा बेवकूफ़ है । अच्छे विचार हैं ,आपके । शुभ कामनाएँ ।

    ReplyDelete
  2. सच्चे और बहुत अच्छे विचार

    ReplyDelete
  3. santosh hi sab se bada dhan hai. vichhar achchhe hain.

    ReplyDelete
  4. नए हिंदी ब्लाग के लिए बधाइयाँ और स्वागत। उत्तम लेखन है… लिखते रहिए। अन्य ब्लागोँ पर भी जाइए जिनमें मेरे ब्लाग भी हैं…

    ReplyDelete
  5. gajab post...........................

    ReplyDelete
  6. हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
    कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें

    ReplyDelete
  7. इस नए सुंदर चिट्ठे के साथ आपका ब्‍लॉग जगत में स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

    ReplyDelete

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...